User:Madan mohan sharma
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मंदिर श्री कल्यानराय जी महाराज करौली
कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण मैं करौली का इतिहास छुपा हुआ है। करौली की बसावट के समय सबसे पहले इसी मंदिर की नींव रखी गयी थी। एवं इसी के नाम पर करौली का नाम कल्याणपुरी रखा गया था,जो कि बाद मैं जाकर करौली बन गया। इसके निर्माण के समय कोई दूसरे मंदिर उपलव्ध न होने के कारण अग्रवालों एवम चतुर्वेदियों ने भी अपनी गोपाल जो एवम कृष्ण भगवान की मूर्तियां भी इसी मंदिर मैं विराजमान करवा दीं इस हिसाब से ये मंदिर तीन संप्रदायों का पुज्य मंदिर हो गया। 1;राजपूत 2;चतुर्वेदी एवम 3;अग्रवाल । उसी बजह से ये तीनों जातियां किसी भी अच्छे और बुरे काम मैं सबसे पहले इसी मंदिर पर माथा टेकती हैं।