User talk:औंकार राम बामणिया

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Welcome to Wikimedia Commons, औंकार राम बामणिया!

-- Wikimedia Commons Welcome (talk) 09:42, 19 April 2020 (UTC)[reply]

CptViraj (📧) 16:08, 19 April 2020 (UTC)[reply]

यूपी : प्रधानी का चुनाव लड़ने पर दलित परिवार पर हमला, न्याय के लिए दर-दर भटक रहे पीड़ित।। Onkar Ram Sawant Kuaa द्वारा

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उत्तर प्रदेश के हाथरस से जातिवादी गुंडों द्वारा एक दलित परिवार पर कहर बरपाने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार तीन दिनों से रिपोर्ट दर्ज के लिए दर-दर भटक रहा है लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

जातिवादी गुंडों ने महिला को बेरहमी से पीटा

आरोप है कि गांव बटपुरा में चुनाव में खड़ा होने के वजह से जातिवादी गुंडों ने एक दलित परिवार के साथ मारपीट की, इसके बाद जब पीड़ित परिवार रात में थाना पहुंचा तो उनकी शिकायत सुनकर पुलिस ने परिवार की घायल महिला का मेडिकल कराया और स्थित गंभीर होने के कारण महिला को हाथरस रेफर कर दिया। जब पीड़ित परिवार इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली पहुंचा तो उसे तीन दिन तक सिर्फ चक्कर कटवाए गए। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने एक वीडियो के जरिए न्याय की गुहार लगाई है।

सादाबाद सीओ से लगाई न्याय की गुहार

वीडियो में पीड़ित महिला कहती हुई दिख रही है कि जब प्रधानी के चुनाव थे, तब ग्राम पंचायत तामसी सीट एससी में आई थी, तो हमारे वाल्मीकि परिवार से एक सदस्य प्रधान पद के लिए खड़े हुए थे। इसी को लेकर कुछ समय पहले गांव के कुछ जातिवादी गुंडों का एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें वो हमें हराने की वजह के बारे में बात कर रहे थे। जब हमने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो 11 जुलाई की रात हमारे घर आकर मारपीट की गई। गांव के जातिवादी गुंडे दलित परिवार पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। पुलिस ने भी पीड़ित परिवार की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है, इसलिए उन्होंने सादाबाद सीओ से न्याय की गुहार लगाई है। औंकार राम बामणिया (talk) 16:08, 14 July 2021 (UTC)[reply]

["प्रार्थना का पोपुलर"]

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स्कूल में रटाई जा रही इस प्रार्थना को देखिए। क्या ये रटकर बच्चों की तार्किक और वैज्ञानिक चेतना विकसित होगी? उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा या घटेगा।

ये सब हमारे प्राथमिक सामाजीकरण यानी Primary Socialisation का हिस्सा है।

उधर बच्चा घर में सीखकर आता है कि मिड डे मील में उस औरत का बनाया हुआ खाना मत खाना। नीच जाति की है।

फिर किताब बताती है कि हम सब भारतीय भाई-भाई हैं। पूरा गड्ड-मड्ड हो जाता होगा बच्चे के दिमाग़ का।

भारत में पोंगापंथ, अतार्किकता, सांप्रदायिकता इन सबकी शुरुआत 2014 में नहीं हुई है। बहुत पुराने बीज हैं औंकार राम बामणिया (talk) 05:25, 15 July 2021 (UTC)[reply]